इलाहाबाद किला "Allahabad Fort", जो अब प्रयागराज के नाम से जाना जाता हैं, भारतीय इतिहास और संस्कृति का एक अहम हिस्सा है। यह किला उत्तर प्रदेश राज्य के प्रयागराज शहर में स्थित है और अपने ऐतिहासिक महत्त्व के कारण पर्यटकों और इतिहास प्रेमियों के बीच बहुत लोकप्रिय है। इस किले का निर्माण मुग़ल सम्राट अकबर ने 1583 में करवाया था। किला प्रयागराज के त्रिवेणी संगम के पास स्थित है, जहाँ गंगा, यमुन और सरस्वती नदियाँ मिलती हैं। यह किला न सिर्फ वास्तुकला की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि भारतीय इतिहास (Indian History) में भी इसका बहुत महत्व है।
किले का इतिहास : History of The Fort
इलाहाबाद किले “Allahabad Fort” का निर्माण सम्राट अकबर ने किया था, और यह किला मुग़ल साम्राज्य का एक अहम हिस्सा था। अकबर ने इस किले का निर्माण प्रयाग के धार्मिक और रणनीतिक महत्त्व को ध्यान में रखते हुए किया था। किले के भीतर विशालकाय भवन, दीवारें, और मजबूत किलेदार गेट हैं जो उस समय के सैन्य संरचनाओं को दर्शाते हैं। किले का उद्देश्य न केवल सुरक्षा था, बल्कि यह एक प्रमुख प्रशासनिक केंद्र भी था।
1773 में अंग्रेज इस किले में आए और 1775 में बंगाल के नवाब शुजाउद्दौला ने इसे 50 लाख रुपये में खरीद लिया। 1798 में नवाब शाजत अली और अंग्रेजों के बीच संधि होने के बाद किला फिर से अंग्रेजों के कब्जे में आ गया। भारत की आज़ादी के बाद किले पर भारत सरकार का अधिकार हो गया। किले में एक शिलालेख भी है, जो पारसी भाषा में है और उसमें किले की नींव 1583 में पड़ी थी।
किले की संरचना : Fort Structure
इलाहाबाद किला “Allahabad Fort” तीन ओर से मजबूत दीवारों से घिरा हुआ है और इसका एक प्रमुख प्रवेश द्वार है, जिसे ‘आलमगीर गेट’ Alamgir Gate कहा जाता है। किले के भीतर कुछ महत्वपूर्ण संरचनाएँ हैं, जैसे कि राजा का महल, एक शाही मस्जिद और कुछ अन्य कक्ष जो मुग़ल सम्राटों के जीवन को दर्शाते हैं। किले के भीतर एक विशाल स्थान है जिसे ‘जनाना’ Janana कहा जाता था, जहां महिलाओं का निवास स्थान हुवा करता था।
इलाहाबाद किला “Allahabad Fort” और संगम
किले की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह त्रिवेणी संगम के पास स्थित है। संगम पर हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं, विशेष रूप से कुंभ मेला के दौरान, जो यहाँ पर होता है। किले के बाहर संगम का दृश्य बहुत सुंदर और मनमोहक होता है। संगम का धार्मिक महत्व है और किला इस धार्मिक स्थल से जुड़ा हुआ है, जिससे इसकी महत्ता और बढ़ जाती है।
किले का ऐतिहासिक महत्व : Historical importance
इलाहाबाद किला न केवल स्थापत्य कला (Architecture) का उदाहरण है, बल्कि यह भारतीय इतिहास के एक महत्वपूर्ण दौर का गवाह भी है। यहां पर अकबर और अन्य मुग़ल सम्राटों का प्रशासनिक कार्य चलता था। इसके अलावा, इस किले में एक बड़ा हिस्सा अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम “freedom struggle” से जुड़ा हुआ भी है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय, किले का महत्त्व और बढ़ गया था क्योंकि यह एक सैन्य केंद्र था और यहाँ से कई रणनीतियाँ बनती थीं।
पर्यटन स्थल
आज के समय में इलाहाबाद किला एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन चुका है। यहाँ पर आने वाले पर्यटक न केवल किले की खूबसूरती का आनंद लेते हैं, बल्कि इसके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहलुओं को भी समझने की कोशिश करते हैं। संगम के पास किले की स्थिति और इसके आसपास का वातावरण बहुत शांत और आकर्षक होता है। यह स्थल उन लोगों के लिए खास है जो भारतीय इतिहास, कला और संस्कृति में रुचि रखते हैं।
वर्तमान में इस किले का कुछ ही भाग पर्यटकों के लिए खुला रहता है। बाकी हिस्से का प्रयोग भारतीय सेना करती है। इस किले में तीन बड़ी गैलरी हैं जहां पर ऊंची मीनारें हैं। सैलानियों को अशोक स्तंभ, सरस्वती कूप और जोधाबाई महल देखने की इजाजत है। इसके अलावा यहां अक्षय वट के नाम से मशहूर बरगद का एक पुराना पेड़ और पातालपुर मंदिर भी है।
प्रयागराज में घूमने की जगहें !
त्रिवेणी संगम | आनंद भवन |
चंद्रशेखर आजाद पार्क | इलाहाबाद विश्वविद्यालय |
खुसरो बाग | प्रयागराज क्यों प्रसिद्ध है? |