वाराणसी के घाट न केवल धार्मिक महत्व रखते हैं, बल्कि इनकी बनावट, कहानियाँ और यहाँ होने वाली गतिविधियाँ हर किसी को आकर्षित करती हैं। आइए इन घाटों के बारे में और विस्तार से जानते हैं:
1. दशाश्वमेध घाट
इस घाट के नाम का अर्थ है “दस अश्वों का बलिदान”। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने यहाँ भगवान शिव का स्वागत करने के लिए यज्ञ किया था।
- खासियत: यहाँ शाम को होने वाली गंगा आरती वाराणसी की पहचान है। दीपों की कतार, पंडितों के मंत्र और गंगा की बहती धारा का अद्भुत संगम देखने लायक होता है।
- क्या करें: यहाँ नाव की सवारी का आनंद लें और घाट के नज़ारे देखें।
2. मणिकर्णिका घाट
यह घाट हिंदू धर्म में सबसे पवित्र माना जाता है क्योंकि यहाँ मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति का विश्वास है।
- पौराणिक कथा: कहा जाता है कि यहाँ भगवान शिव और माँ पार्वती ने स्नान किया था, और माँ पार्वती की मणि यहाँ गिर गई थी।
- खास: यह मुख्य रूप से अंतिम संस्कार का स्थान है, जहाँ दिन-रात चिताएँ जलती रहती हैं। यह घाट जीवन और मृत्यु के चक्र को समझने का स्थान है।
3. अस्सी घाट
यह घाट शहर के शांत और सुंदर हिस्से में स्थित है। यह वह स्थान है जहाँ अस्सी नदी गंगा में मिलती है।
- विशेष अनुभव: सूरज उगने के समय यहाँ बैठकर घाट की ताज़गी और शांत वातावरण का अनुभव करें।
- लोकप्रियता: यह घाट स्थानीय लोगों और पर्यटकों के बीच योग और ध्यान के लिए मशहूर है। यहाँ आपको कई कैफे और छोटी दुकानें भी मिलेंगी।
4. हरिश्चंद्र घाट
हरिश्चंद्र घाट राजा हरिश्चंद्र की सच्चाई और धर्म की कहानी से जुड़ा है।
- महत्व: यह मणिकर्णिका घाट के बाद दूसरा प्रमुख शवदाह घाट है।
- कहानी: कहा जाता है कि राजा हरिश्चंद्र ने यहाँ अपनी सत्यनिष्ठा और कर्तव्य निभाने के लिए काम किया था।
5. राजेन्द्र प्रसाद घाट
यह दशाश्वमेध घाट के करीब है और अपने उत्सवों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए जाना जाता है।
- त्योहार: खासतौर पर गंगा महोत्सव के समय यह घाट बहुत खूबसूरत लगता है।
6. तुलसी घाट
यह घाट महान संत और कवि तुलसीदास के योगदान को समर्पित है।
- इतिहास: ऐसा कहा जाता है कि यहीं पर तुलसीदास ने रामचरितमानस की रचना की थी।
- शांति: यह घाट अन्य प्रमुख घाटों की तुलना में बहुत शांत है, जहाँ लोग ध्यान और प्रार्थना के लिए आते हैं।
7. चेती सिंह घाट
यह घाट ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है। इसका संबंध राजा चेती सिंह और उनके ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष से है।
- खासियत: यहाँ का किला और वास्तुकला इसे पर्यटकों के बीच प्रसिद्ध बनाते हैं। यह इतिहास प्रेमियों के लिए एक खास जगह है।
8. सिंधिया घाट
यह घाट अपने झुके हुए मंदिर और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है।
- क्या खास है: घाट के किनारे डूबा हुआ शिव मंदिर बहुत आकर्षक लगता है, जिसे गंगा की धारा ने आंशिक रूप से डुबो दिया है।
- वातावरण: अगर आपको शांति चाहिए, तो यह जगह आपके लिए परफेक्ट है।
9. पंचगंगा घाट
यह धार्मिक दृष्टि से बहुत खास है क्योंकि यहाँ पाँच नदियों- गंगा, यमुना, सरस्वती, धूतपापा और कर्णा का संगम माना जाता है।
- क्या करें: यहाँ ध्यान और पूजा-अर्चना के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।
10. मुंशी घाट
यह घाट अपने ऐतिहासिक और स्थापत्य कला के कारण बहुत प्रसिद्ध है।
- फोटोग्राफी: यहाँ की संरचना और गंगा के नज़ारे फोटोग्राफी के शौकीनों को बहुत भाते हैं।
11. भोंसले घाट
इस घाट का निर्माण नागपुर के भोंसले राजाओं ने करवाया था।
- खासियत: यहाँ का माहौल और नक्काशीदार संरचनाएँ इसे खास बनाते हैं। यह घाट देखने में राजसी लगता है।
घाटों पर खास अनुभव
- सुबह का नज़ारा: सूर्योदय के समय गंगा के किनारे बैठना और आरती में भाग लेना।
- नाव की सवारी: घाटों को देखने का सबसे अच्छा तरीका गंगा में नाव की सवारी करना है।
- त्योहार: यहाँ के घाटों पर गंगा महोत्सव, देव दीपावली, और मकर संक्रांति जैसे त्योहारों का अनुभव बेहद खास होता है।
वाराणसी के ये घाट केवल जगहें नहीं हैं, ये हमारी संस्कृति, इतिहास और जीवन दर्शन का प्रतिबिंब हैं। यहाँ हर कदम पर एक कहानी है, और हर घाट पर एक अनुभव।