प्रयागराज क्यों प्रसिद्ध है? और प्रयागराज में घूमने की जगहें !

अक्सर जब हम कहीं घूमने जाते हैं, तो सबसे पहले हम उस जगह (place) के बारे में गूगल पर सर्च करते हैं कि वहां घूमने के लिए कौन-कौन सा स्थान हैं (points) हैं और वह हमारे शहर (location) से कितनी दूर है। लेकिन मैं आपको उससे कहीं ज्यादा जानकारी देने वाला हूं। जब भी आप कहीं घूमने का प्लान बनाते हैं, तो मेरी वेबसाइट पर आपको उस जगह के सभी प्रमुख घूमने के स्थान और उनसे जुड़ी जानकारी मिल जाएगी।
प्रयागराज क्यों प्रसिद्ध है? Aakhir kyon prasiddh hai?

प्रयागराज, जो पूर्व में इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था, उत्तर प्रदेश का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक शहर है। गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम स्थल, त्रिवेणी संगम, के कारण यह धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है। यहाँ हर 12 साल में दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला, कुम्भ मेला, आयोजित होता है। प्रमुख स्थल इलाहाबाद किला, आनंद भवन और खुशरो बाग हैं।

यह शहर प्राचीन भारतीय ग्रंथों में ‘प्रयाग’ के नाम से जाना जाता था (प्रयाग का मतलब है, नदियों का संगम)। हिन्दू धर्म में इसे अत्यधिक पवित्र स्थान माना गया है, और कहा जाता है कि यहाँ भगवान ब्रह्मा ने यज्ञ किया था।
इस शहर का उल्लेख महाभारत और रामायण जैसे ग्रंथों में भी मिलता है। मौर्य और गुप्त काल में प्रयागराज का ऐतिहासिक महत्व और बढ़ा। इसके बाद, मुघल साम्राज्य में अकबर ने इस शहर को नया आकार दिया और यहाँ इलाहाबाद किला बनवाया। यहाँ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले कई प्रमुख नेता रहते थे।

प्रयागराज में सबसे अच्छी जगहे जहा आप घूम सकते हैं और जो हमारे इतिहास से भी जुडी हुयी हैं!

त्रिवेणी संगम (Triveni Sangam)

“प्रयागराज का प्रसिद्ध स्थल त्रिवेणी संगम है, जहाँ गंगा, यमुन और सरस्वती नदियाँ मिलती हैं। हिन्दू धर्म में इसका धार्मिक महत्व अत्यधिक है, और यहाँ पवित्र स्नान करने से पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति मानी जाती है।

“यहाँ हर 12 साल में कुम्भ मेला आयोजित होता है, जो भारत और विदेशों से लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। कुम्भ मेला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला है।

इलाहाबाद किला (Allahabad Fort)

इलाहाबाद किला, जो अकबर के द्वारा 1583 में बनवाया गया था, एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल है। यह किला यमुन नदी के किनारे स्थित है और इसकी विशाल दीवारें और सुंदर संरचनाएँ मुघल वास्तुकला के अद्भुत उदाहरण हैं। किले के भीतर एक महत्वपूर्ण स्थल है अशोक स्तंभ, जिसमें सम्राट अशोक के शासनकाल के महत्वपूर्ण आदेश और शिलालेख खुदे हुए हैं।

संगम के पास स्थित

आनंद भवन (Anand Bhawan)

आनंद भवन (स्वराज भवन) नेहरू परिवार का पूर्व आवास था, जिसे अब संग्रहालय में बदल दिया गया है। यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का प्रमुख केंद्र था, जहाँ कई महत्वपूर्ण बैठकें और निर्णय हुए, और महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू सहित स्वतंत्रता सेनानी यहाँ बैठकें करते थे।

प्रयागराज के त्रिवेणी संगम से आनंद भवन की दूरी लगभग 6 km है

चंद्रशेखर आजाद पार्क (Aajad Park)

चंद्रशेखर आजाद पार्क प्रयागराज का ऐतिहासिक स्थल है जिसको पहले पहले एल्डर्स पार्क के नाम से जाना जाता हैं, जो स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद के नाम पर है। यहाँ चंद्रशेखर आजाद की वीरता को सम्मानित करती उनकी प्रतिमा भी स्थित है, और यह स्थल स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाओं का गवाह है।

प्रयागराज के त्रिवेणी संगम से आनंद भवन की दूरी लगभग 6 km है

इलाहाबाद विश्वविद्यालय (Allahabad University)

इलाहाबाद विश्वविद्यालय, जिसे प्रयागराज विश्वविद्यालय भी कहा जाता है, भारत के सबसे पुराने और प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में से एक है। यह विश्वविद्यालय 1887 में स्थापित हुआ था और इसे “Oxford of the East” के नाम से भी जाना जाता है।

प्रयागराज के त्रिवेणी संगम से इलाहाबाद विश्वविद्यालय की दूरी लगभग 7 km है

खुसरो बाग (Khusro Bagh)

खुसरो बाग प्रयागराज का एक ऐतिहासिक स्थल है, जो 16वीं शताब्दी के मुग़ल काल का खूबसूरत उदाहरण है। यहाँ शहजादा खुसरो की समाधि स्थित है और यह मुग़ल वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण माना जाता है। यह शहर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है।

प्रयागराज के त्रिवेणी संगम से खुसरो बाग की दूरी लगभग 11.5 km है


आपके कुछ और भी सवाल (Question) होते जैसे :-

प्रयागराज से बनारस कितना दूर हैं ?

आप प्रयागराज से बनारस की दुरी लगभग 120-130 किलोमीटर आप अपने निजी वाहन या टैक्सी, बस, ट्रेन जा सकते हैं। सड़क मार्ग से यात्रा लगभग 3-4 घंटे की होती है, जबकि ट्रेन से यात्रा करीब 2-3 घंटे की होती है।

प्रयागराज से अयोध्या कितना दूर हैं ?

प्रयागराज से अयोध्या की दूरी लगभग 150-160 किलोमीटर है। यह यात्रा सड़क मार्ग से लगभग 3-4 घंटे में आप अपने निजी वाहन, टैक्सी, या बस का उपयोग करके भी अयोध्या जा सकते हैं।

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